PM आवास की लिस्ट दबाने की कोशिश? गरीबों को घर या अफसरों का गुपचुप खेल!

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PM आवास की लिस्ट दबाने की कोशिश? गरीबों को घर या अफसरों का गुपचुप खेल!

मंदसौर। जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत 17,000 मकानों की स्वीकृति दी गई है, लेकिन अब तक लाभार्थियों की सूची जिला प्रशासन ने सार्वजनिक नहीं की। क्या प्रशासन को डर है कि अगर लिस्ट सामने आई तो सर्वे की गड़बड़ियां उजागर हो जाएंगी? या फिर गरीबों को मकान की जगह अफसरों की जेबें भरने का खेल चल रहा है?

लिस्ट जारी करने से डर क्यों?

अगर सरकार और प्रशासन ईमानदार हैं, तो वे लाभार्थियों की सूची जारी करने में घबरा क्यों रहे हैं? क्या इसमें अपात्र लोगों को फायदा पहुंचाया गया है? क्या सही गरीबों को उनका हक देने की बजाय अंदरखाने कोई बड़ी सेटिंग चल रही है?

PM आवास में खेल! नाम जोड़ने के लिए हो रहा लेन-देन?

सूत्रों के मुताबिक, कुछ सचिव और सहायक सचिव लाभार्थियों की सूची में हेरफेर कर रहे हैं और नाम जोड़ने-हटाने का गुपचुप खेल चल रहा है। अगर सूची सार्वजनिक होती है, तो सारा खेल उजागर हो जाएगा।

जिला पंचायत सीईओ से जवाब दो, गरीबों का हक दो!

स्थानीय लोगों और जागरूक नागरिकों ने जिला पंचायत सीईओ से जवाबदेही की मांग की है। अगर सूची सही है, तो उसे छुपाने की जरूरत क्यों? क्या इसमें कई अपात्र लोगों के नाम जोड़े गए हैं और सही हकदारों को बाहर कर दिया गया है?

अब जनता जवाब मांग रही है – प्रशासन ईमानदारी दिखाए और तुरंत लिस्ट जारी करे!जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत 17,000 मकानों की स्वीकृति दी गई है, लेकिन अब तक लाभार्थियों की सूची सार्वजनिक नहीं की गई है। इससे पात्र हितग्राहियों में भ्रम और असंतोष की स्थिति बनी हुई है। वहीं, कुछ सचिवों और सहायक सचिवों द्वारा सूची में लेन-देन किए जाने की शिकायतें भी सामने आ रही हैं, जिससे योजना की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

सरकार और प्रशासन को किस बात का डर?

अब बड़ा सवाल यह है कि जिला प्रशासन लाभार्थियों की सूची जारी करने में घबरा क्यों रहा है? क्या सर्वेक्षण में हुई गड़बड़ियों की पोल खुलने का डर सता रहा है? या फिर पीएम आवास योजना के तहत गरीबों को मकान देने की बजाय किसी गुपचुप खेल को अंजाम दिया जा रहा है?

गरीबों के नाम या कोई और खेल?

सूत्रों के अनुसार, कुछ सचिव और सहायक सचिव योजना की सूची में हेरफेर कर रहे हैं और पात्रता निर्धारण में अनियमितताओं की आशंका जताई जा रही है। अगर सूची में वास्तविक गरीबों के बजाय अपात्र लोगों को शामिल किया गया है, तो सरकार और जिला प्रशासन की बड़ी किरकिरी हो सकती है।

लाभार्थियों की सूची सार्वजनिक करने की मांग

प्रधानमंत्री आवास योजना का मुख्य उद्देश्य वास्तव में जरूरतमंद लोगों को पक्के मकान का लाभ देना है, लेकिन मंदसौर जिले में अब तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि कौन लाभार्थी हैं और कौन अभी भी प्रतीक्षा सूची में है। ऐसे में लाभार्थी जिला प्रशासन से सूची सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं, ताकि उन्हें सही जानकारी मिल सके।

जिला पंचायत सीईओ से जवाबदेही की मांग

स्थानीय हितग्राहियों और जागरूक नागरिकों ने जिला पंचायत सीईओ से मांग की है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थियों की सूची तुरंत सार्वजनिक की जाए। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और जरूरतमंद लोगों को उनका अधिकार मिल सकेगा।

अगर प्रशासन वास्तव में ईमानदार और पारदर्शी है, तो उसे तुरंत लाभार्थियों की सूची सार्वजनिक करनी चाहिए, ताकि सभी संदेह दूर हो सकें और इस योजना का असली लाभ सही हाथों तक पहुंचे।

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